Sabarmati Express: शनिवार की रात, वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस अपनी नियमित गति से रेल पटरियों पर दौड़ रही थी। यात्री गहरी नींद में थे, अनजान उस भयावह क्षण से जो उनका इंतजार कर रहा था। जैसे ही ट्रेन कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन के निकट पहुंची, एक जोरदार आवाज ने रात की शांति को भंग कर दिया।
चीख-पुकार से गूंज उठी साबरमती एक्सप्रेस
अचानक हुए इस धमाके से यात्रियों की नींद टूट गई। ट्रेन के डिब्बों में चीख-पुकार मच गई। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि क्या हो रहा है। कड़-कड़ की आवाज के साथ ट्रेन कुछ दूर तक चलने के बाद रुक गई। घबराए यात्री जल्दी से बाहर निकले और उनके सामने जो दृश्य था, वह हैरान करने वाला था।
20 डिब्बे पटरी से उतरे, बड़े हादसे से बचाव
गोविंदपुरी स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस के कम से कम 20 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। यात्री इस नजारे को देखकर स्तब्ध थे और किसी बड़ी अनहोनी की आशंका जता रहे थे। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं थी।
रेलवे के अधिकारियों ने दी जानकारी
उत्तर-मध्य रेलवे (एनसीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि यह हादसा रात करीब ढाई बजे हुआ। उन्होंने बताया कि कानपुर और भीमसेन रेलवे स्टेशन के बीच साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे स्थिति गंभीर हो गई।
पत्थर से टकराया इंजन, ‘कैटल गार्ड’ हुआ क्षतिग्रस्त
त्रिपाठी ने बताया कि ड्राइवर से पूछताछ में खुलासा हुआ कि इंजन से बड़ा पत्थर टकराने के कारण हादसा हुआ। इस टक्कर से इंजन का ‘कैटल गार्ड’, जो जानवरों से बचाव के लिए लगा था, गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया, हालांकि जानवरों से टकराव नहीं हुआ।
रेल मंत्री ने दिए जांच के आदेश
इस हादसे के बाद एक बड़ा सवाल यह उठा कि आखिर रेल पटरी पर इतना बड़ा पत्थर आया कहां से? इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
रेल मंत्री का बयान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आज तड़के 2:35 बजे साबरमती एक्सप्रेस का इंजन कानपुर के पास ट्रैक पर रखी किसी चीज से टकराकर पटरी से उतर गया। टक्कर के तेज निशान मिले हैं, जिससे संभावित साजिश की ओर इशारा होता है।
सभी साक्ष्य सुरक्षित किए गए हैं, और जांच जारी है। मंत्री ने कहा कि घटना की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही सटीक कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। आईबी और उत्तर प्रदेश पुलिस भी इस पर काम कर रहे हैं।”
यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित
रेल मंत्री ने आगे कहा, “यात्रियों या कर्मचारियों को कोई चोट नहीं आई है। यात्रियों की आगे की यात्रा के लिए ट्रेन की व्यवस्था की गई है।”
ट्रेन सेवाओं पर प्रभाव
हादसे के कारण सात ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, जबकि तीन के मार्ग में बदलाव किया गया है। यात्रियों को बस से कानपुर सेंट्रल स्टेशन भेजा गया, जहां से वे अपने गंतव्य की ओर बढ़ेंगे, नई यात्रा की शुरुआत करते हुए।
यात्रियों और परिजनों के लिए हेल्पलाइन
रेलवे ने यात्रियों और उनके परिजनों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। इन नंबरों पर संपर्क करके लोग अपने प्रियजनों की सूचना प्राप्त कर सकते हैं।
सुरक्षा पर उठे सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर रेल सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्षी दलों ने सरकार से जवाब मांगा है और रेल सुरक्षा में सुधार की मांग की है। रेल मंत्रालय ने कहा है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं।
आगे की चुनौतियां और सीख
यह घटना रेल सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करती है। आने वाले दिनों में, रेलवे को न केवल इस घटना की गहन जांच करनी होगी, बल्कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम भी उठाने होंगे। नियमित जांच, बेहतर तकनीक और कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष: सुरक्षित रेल यात्रा की ओर
साबरमती एक्सप्रेस हादसा हमें याद दिलाता है कि रेल यात्रा में सुरक्षा सर्वोपरि है। यह घटना एक चेतावनी है कि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही घातक हो सकती है। आने वाले समय में, रेलवे को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना होगा,
ताकि यात्री बिना किसी भय के अपनी यात्रा का आनंद ले सकें। यह सिर्फ रेलवे की ही नहीं, बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम सुरक्षित रेल यात्रा सुनिश्चित करने में अपना योगदान दें।
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