BPSC Normalization Protest: पटना में बीपीएससी परीक्षा प्रणाली के खिलाफ चल रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शन में एक बड़ा मोड़ तब आया जब लाखों छात्रों के प्रेरणा स्रोत और शिक्षक खान सर भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। विरोध के दौरान खान सर को हिरासत में लेने की खबर ने सोशल मीडिया और सड़कों पर बवाल मचा दिया। इस लेख में हम इस पूरे घटनाक्रम को विस्तार से समझेंगे और जानेंगे कि इस विवाद का मुख्य कारण क्या है और छात्रों की मांगें क्या हैं।
क्या है BPSC Normalization Protest और क्यों हो रहा है विरोध?
BPSC Normalization Protest एक प्रक्रिया है जो असमानता को दूर करती है। यह परीक्षा में स्कोर, कठिनाई स्तर, या विषयों में अंतर को समाप्त करती है। इस प्रक्रिया से सभी छात्रों के परिणाम समान और न्यायसंगत होते हैं।बीपीएससी जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन का महत्व बहुत अधिक है। यह सुनिश्चित करता है कि उम्मीदवारों के स्कोर में कोई भी बाहरी कारक का प्रभाव न हो।
इस प्रक्रिया से सभी उम्मीदवारों के स्कोर एक समान मानक पर आते हैं। इससे हर किसी के प्रदर्शन की सही तुलना हो पाती है। यह परीक्षा परिणामों को निष्पक्ष और प्रत्येक प्रतिभागी के प्रयासों को सही मूल्यांकन प्रदान करता है।नॉर्मलाइजेशन एक गणितीय प्रक्रिया है जो विभिन्न शिफ्ट में आयोजित परीक्षाओं के अंकों को समायोजित करने के लिए उपयोग की जाती है। लेकिन छात्रों का मानना है कि यह प्रणाली सामान्य अध्ययन (GS) जैसे विषयों के लिए उपयुक्त नहीं है।
मुख्य समस्याएँ
- एक ही परीक्षा के अलग-अलग शिफ्ट में कठिनाई स्तर अलग हो सकता है।
- नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया से छात्रों को न्याय नहीं मिल पाता।
- प्रश्न पत्र और परीक्षा का स्वरूप समान न होने से छात्रों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
छात्रों की मांग है कि “वन शिफ्ट, वन एग्जाम, वन पेपर” लागू किया जाए, जिससे सभी के लिए समान प्रश्न पत्र हो और नॉर्मलाइजेशन की आवश्यकता ही न पड़े।
गर्दनीबाग में प्रदर्शन और खान सर की भूमिका
पटना के गर्दनीबाग में हजारों छात्र पिछले कुछ दिनों से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी नाराजगी तब अधिक बढ़ी जब उन्होंने देखा कि उनकी जायज मांगों को बार-बार नजरअंदाज किया जा रहा है।जब खान सर छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन स्थल पर पहुँचे, तो छात्रों में जोश और बढ़ गया। लेकिन इसी बीच पुलिस ने खान सर को हिरासत में ले लिया, जिससे छात्रों का आक्रोश और अधिक बढ़ गया।
सोशल मीडिया पर बवाल:
खान सर की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर #JusticeForKhanSir ट्रेंड करने लगा। छात्रों और समर्थकों ने इस कदम की कड़ी निंदा की।
छात्रों की मुख्य मांगें
छात्रों ने बीपीएससी के सामने कुछ मुख्य मांगें रखी हैं:
- एक ही शिफ्ट में परीक्षा:छात्रों का कहना है कि अगर परीक्षा एक ही शिफ्ट में आयोजित होगी, तो नॉर्मलाइजेशन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
- पारदर्शी प्रक्रिया:बीपीएससी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परीक्षा प्रणाली में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
- नॉर्मलाइजेशन का समाप्त होना:छात्रों का मानना है कि नॉर्मलाइजेशन केवल गणित जैसे विषयों के लिए उचित है, लेकिन सामान्य अध्ययन के लिए नहीं।
- छात्रों की फॉर्म समस्या का समाधान जल्द ही :जिन छात्रों का फॉर्म सर्वर की खराबी के कारण रुका हुआ है, उनका फॉर्म स्वीकार किया जाए।
पुलिस और प्रशासन का बयान
पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने स्पष्ट किया कि खान सर को गिरफ्तार नहीं किया गया था, बल्कि उन्हें हिरासत में लिया गया था। उनके अनुसार, खान सर खुद छात्रों की मदद करने के लिए पुलिस स्टेशन आए थे।स्पेशल एग्जीक्यूटिव मैजिस्ट्रेट एम. खान ने भी बयान दिया कि खान सर को अब छोड़ दिया गया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उन्हें कहाँ ले जाया गया।
खान सर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उम्मीदें
छात्रों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी बात सुनेंगे और नॉर्मलाइजेशन प्रणाली को समाप्त करेंगे। 2022 में भी नीतीश कुमार ने छात्रों के हित में ऐसे ही एक निर्णय को बदला था।खान सर ने भी मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर बात की है और भरोसा जताया है कि छात्रों के हित में निर्णय लिया जाएगा।
छात्रों का गुस्सा और शांतिपूर्ण प्रदर्शन
छात्रों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करेंगे और किसी भी तरह की हिंसा नहीं करेंगे। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है:
“हम संविधान में पूर्ण विश्वास रखते हैं और अपनी मांगों को सरकार तक सौम्य और शांतिपूर्ण तरीके से पहुँचाएंगे। जब तक नॉर्मलाइजेशन को रद्द नहीं किया जाता, हमारा आंदोलन निरंतर जारी रहेगा।”
सरकार और प्रशासन के सामने सवाल
यह मामला केवल खान सर की हिरासत तक सीमित नहीं है। यह घटना बिहार में परीक्षा प्रणाली और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है:
- क्या नॉर्मलाइजेशन प्रणाली को समाप्त किया जाएगा?
- क्या छात्रों की मांगें पूरी होंगी?
- क्या परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाई जाएगी?
निष्कर्ष
खान सर और छात्रों का यह आंदोलन बिहार में शिक्षा प्रणाली में सुधार की ओर एक बड़ा कदम है। सरकार को छात्रों की मांगों को गंभीरता से लेना चाहिए और परीक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी और समान बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
जब तक छात्रों की मांगें पूरी नहीं होती, यह आंदोलन जारी रहेगा। यह घटना छात्रों और सरकार के बीच विश्वास बहाली के लिए एक अवसर भी हो सकता है, अगर सही निर्णय लिए जाएँ।“वन शिफ्ट, वन एग्जाम, वन पेपर” की मांग केवल छात्रों के लिए नहीं, बल्कि एक न्यायसंगत शिक्षा प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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