India–United States: अमेरिका और भारत के बीच रक्षा सहयोग पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। माइक वॉल्ट्ज, एक अनुभवी नेता और विदेश नीति विशेषज्ञ, ने इस सहयोग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। उनकी नियुक्ति से अमेरिका-भारत संबंधों में और मजबूती आने की उम्मीद है। इस लेख में, हम माइक वॉल्ट्ज के योगदान, उनके विचारों और India–United States रक्षा साझेदारी पर उनके संभावित प्रभावों का गहराई से विश्लेषण करेंगे।
माइक वॉल्ट्ज कौन हैं?
माइक वॉल्ट्ज अमेरिकी सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी और युद्ध के अनुभवी हैं। वह फ्लोरिडा से तीन बार रिपब्लिकन प्रतिनिधि चुने गए हैं और यूएस हाउस के लिए पहले ग्रीन बेरेट (विशेष बल सैनिक) हैं। उनकी विदेश नीति पर विशेषज्ञता और रक्षा मामलों में उनके ठोस दृष्टिकोण ने उन्हें एक कद्दावर नेता बना दिया है। उन्होंने अमेरिकी रक्षा सेवा समिति, हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी, और इंटेलिजेंस समिति में भी महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है।
India–United States संबंधों में वॉल्ट्ज की महत्वपूर्ण भूमिका
माइक वॉल्ट्ज India–United States संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए वर्षों से सक्रिय हैं। उन्होंने भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है। 2023 में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान कैपिटल हिल पर उनके संबोधन की व्यवस्था में भी वॉल्ट्ज ने प्रमुख भूमिका निभाई। उनके इन प्रयासों से दोनों देशों के बीच मित्रता और आपसी विश्वास को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया गया।
India–United States रक्षा सहयोग और माइक वॉल्ट्ज का दृष्टिकोण
वॉल्ट्ज का मानना है कि चीन के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन की जरूरत है। उन्होंने अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी को इसी दृष्टिकोण से देखा है।
उनका मानना है कि अमेरिका को भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों के साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि क्षेत्रीय स्थिरता बनी रहे और चीन की आक्रामकता को नियंत्रित किया जा सके। वॉल्ट्ज ने चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाने का भी समर्थन किया है, जिसमें 2022 के बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक का बहिष्कार शामिल है।
India–United States रक्षा सहयोग में संभावित बढ़त
माइक वॉल्ट्ज की नियुक्ति से India–United States रक्षा साझेदारी में कई नए पहलुओं को जोड़ने की संभावना है। उनकी सैन्य पृष्ठभूमि और सुरक्षा के प्रति कठोर दृष्टिकोण से उम्मीद की जा सकती है कि वे भारत के साथ मिलकर संयुक्त पहल, इंटेलिजेंस साझेदारी, और एशिया में आतंकवाद विरोधी कदम उठाएंगे। उनके अनुभव के कारण अमेरिका और भारत के बीच खुफिया जानकारी साझा करने और रक्षा साझेदारी के नए क्षेत्रों पर भी काम किया जा सकता है।
भारत के प्रति वॉल्ट्ज की नीति और चीन के प्रति उनकी दृढ़ता
वॉल्ट्ज, जो कि India–United States कॉकस के सह-अध्यक्ष भी हैं, भारत के साथ मजबूत संबंधों के कट्टर समर्थक रहे हैं। चीन के प्रति उनकी दृढ़ता ने उन्हें अमेरिकी कांग्रेस में एक मजबूत आवाज बना दिया है। वह भारत के साथ लोकतांत्रिक गठबंधनों को बढ़ावा देने के पक्ष में हैं और मानते हैं कि यह न केवल अमेरिका बल्कि पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
वॉल्ट्ज की सैन्य पृष्ठभूमि और सुरक्षा दृष्टिकोण
माइक वॉल्ट्ज का सैन्य जीवन और विदेशी मिशनों में उनका अनुभव उन्हें एक कुशल और अनुशासित सुरक्षा विशेषज्ञ बनाता है। उन्होंने अफगानिस्तान, मध्य पूर्व और अफ्रीका में कई सैन्य अभियान किए हैं और उन्हें चार ब्रॉन्ज स्टार से सम्मानित भी किया गया है। उनकी यह पृष्ठभूमि उन्हें उन मुद्दों पर अधिक अधिकार देती है जिनसे भारत और अमेरिका को मिलकर निपटना है, जैसे कि आतंकवाद और सुरक्षा खतरों का सामना करना।
निष्कर्ष
माइक वॉल्ट्ज की संभावित नियुक्ति India–United Statesसंबंधों में एक नए युग की शुरुआत कर सकती है। उनकी कठोर रक्षा नीति और भारत के प्रति उनके गहरे विश्वास से न केवल अमेरिका की विदेश नीति को एक नया आयाम मिलेगा बल्कि भारत-अमेरिका साझेदारी को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
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