Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

Krishnakumar Kunnath ‘KK’:आइकॉनिक सिंगर केके की याद में खास श्रद्धांजलि, जानें क्यों गूगल ने आज किया उन्हें सम्मानित

Krishnakumar Kunnath ‘KK’:आज गूगल डूडल भारतीय संगीत के प्रतिष्ठित गायक कृष्णकुमार कुन्नाथ, जिन्हें केके के नाम से भी जाना जाता है, की याद में बना है। केके का नाम सुनते ही सबसे पहले बॉलीवुड के प्लेबैक सिंगर का ख्याल आता है, लेकिन उनके बारे में ऐसा सोचना उनकी प्रतिभा का अपमान होगा।

उनकी आवाज़ को एक पीढ़ी का प्रतीक माना जाता है, और उनके संगीत का प्रभाव आज भी नए जमाने के I-पॉप सिंगर-गीतकारों के काम में झलकता है। जब इंडी पॉप और एकॉस्टिक म्यूजिक ने स्पॉटिफाई पर जगह बनानी शुरू की थी, तब केके का संगीत एक व्यक्तिगत और अंतरंग एहसास कराता था।

केरल से निकला एक सितारा: केके का संगीत और युवा गायकों पर असर

आज के मशहूर इंडी कलाकार जैसे प्रतीक कुहाड़, अनुव जैन, मित्राज़, और आदित्य भारद्वाज का जो संगीत हमें पसंद है, उसमें केके का अंश देखा जा सकता है। केके के गीत प्रेम, विरह और बीते पलों की भावना से भरपूर थे, और उनमें एक अद्वितीय निजी स्पर्श था।

50 साल की उम्र में केके के अचानक निधन के बाद भी उनके संगीत का प्रभाव मौजूदा इंडी संगीत में स्पष्ट रूप से महसूस होता है। यदि आपने कभी प्रतीक कुहाड़ का कोई गाना सुना है या अनुव जैन के धीमे म्यूजिक में खो गए हैं, तो मानिए केके ने ये रास्ता पहले ही बना दिया था।

केके: मूल गायक-गीतकार की भावना

जहां आज हम cold/mess, बारिशें और नादानियाँ जैसे गाने सुनते हैं, वहीं 1999 का केके का क्लासिक गाना ‘पल’ दोस्ती, प्रेम और समय की अस्थायिता का प्रतीक बन चुका है। इस गाने में वही गहराई और खुला भाव है जो आज के इंडी कलाकारों के म्यूजिक में मिलता है। यह वह गीत है, जो आपको शांति में बैठकर जीवन पर चिंतन करने का मौका देता है।

आज प्रतीक कुहाड़ गिटार की धुनों में प्रेम और दर्द को ढालते हुए दुनिया भर में प्रशंसा पा रहे हैं, पर केके ने यह गहराई भरे हिंदी गाने दशकों पहले गढ़े थे। ‘अवारापन बंजारापन’ और ‘तड़प तड़प’ जैसे गानों में संवेदनशीलता का वह स्तर था, जिसे आज हम हिट गानों में देखते हैं। केके की आवाज़ कभी जोरदार नहीं थी, लेकिन उनकी सादगी ने श्रोताओं के दिल को गहराई से छुआ।

विविधता में सामर्थ्य: केके के गानों की खासियत

केके की आवाज़ किसी एक जॉनर तक सीमित नहीं थी। वह आपको ‘ज़िन्दगी दो पल की’ जैसे सोलफुल बैलेड दे सकते थे, जो आपको अंतरंग क्षणों में ले जाता है, और फिर ‘दस बहाने’ जैसे जोशीले गाने भी गा सकते थे। यहां तक कि उनके बड़े गानों में भी एक निजी एहसास रहता था। उनका संगीत हमेशा असली था, और यही आज के I-पॉप स्टार्स के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

आज के इंडी कलाकारों के लिए एक भावनात्मक मार्गदर्शक

इंडी म्यूजिक की खासियत यह है कि यह श्रोताओं से जुड़ता है, उन्हें देखा-समझा महसूस कराता है। जब ‘इंडी’ शब्द भारतीय संगीत में अस्तित्व में नहीं था, तब केके इसे पहले ही म्यूजिक में लेकर आ चुके थे। प्रतीक कुहाड़ का ‘कसूर’ और cold/mess भले ही हमें अतीत की याद दिलाते हों, लेकिन इससे पहले ‘तड़प तड़प’ का दर्द भरा संगीत हमारे टूटे रिश्तों की यादें ताज़ा कर देता था।

आदित्य भारद्वाज का ‘मोहल्ले’ और अनुव जैन का ‘अलग आसमान’ आज के जनरेशन Z और 90 के दशक के मिलेनियल्स को उनके अपने समय की याद दिलाते हैं। अनुव जैन के संगीत में वही सोचने का एहसास है जो केके के गानों में मिलता था। ‘आँखों में तेरी’, ‘खुदा जाने’ जैसे गाने प्रेम और आत्म-खोज की यात्रा में गहरे उतरते हैं।

इंडी मूवमेंट पर केके का असर

जब भारतीय संगीत पर बड़े बॉलीवुड गानों का दबदबा था, केके ने कुछ शांत और गहराई भरा संगीत पेश किया। उनके गाने फिल्मों में बजते थे, लेकिन वे हमेशा व्यक्तिगत लगते थे। उनके गानों में वही सादगी और वास्तविकता थी जो आज भी सुनने पर हमें उतनी ही गहराई से छूती है जितनी उस समय छूती थी। ‘दिल इबादत’, ‘आँखों में तेरी’, या फिर ‘क्या मुझे प्यार है’ जैसे गानों में वो ताजगी और सीधापन है, जो आज भी बरकरार है।

केके के म्यूजिक में कोई चमक-दमक नहीं थी, बस शुद्ध भावना थी। उन्होंने एक ऐसा मार्ग तैयार किया जो आज के गायक-गीतकारों के लिए मिसाल है। ये नए कलाकार अब उन्हीं के नक्शे-कदम पर चल रहे हैं, संगीत को सरल रखते हुए गहरे अर्थों तक पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं।

गूगल का डूडल: केके की कला को सलाम

25 अक्टूबर, 2024 को गूगल ने एक खास एनिमेटेड डूडल के जरिए केके के अद्वितीय सफर को सलाम किया। इस दिन केके ने 1996 में बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की थी जब उन्होंने गुलज़ार की फिल्म ‘माचिस’ में ‘छोड़ आए हम’ गाना गाया। केके का संगीत का सफर किरोरी मल कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक करने के बाद शुरू हुआ। संगीत को अपना करियर बनाने से पहले उन्होंने कुछ समय के लिए मार्केटिंग में भी काम किया।

1994 में जब उन्होंने अपनी आवाज़ का एक डेमो टेप पेश किया, तब उन्हें विज्ञापन के जिंगल गाने का अवसर मिला और यहीं से उनके शानदार करियर की शुरुआत हुई। 1999 में उन्होंने ‘हम दिल दे चुके सनम’ फिल्म के इमोशनल ट्रैक ‘तड़प तड़प’ से बॉलीवुड में धूम मचा दी और उसी वर्ष उनका पहला सोलो एलबम ‘पल’ रिलीज हुआ, जो तुरंत ही सुपरहिट हो गया।

केके की आवाज़: पीढ़ियों के दिलों में जिंदा

केके ने अपने करियर में 500 से अधिक हिंदी गानों और 200 से अधिक क्षेत्रीय भाषाओं में गाने गाए, जिसमें तेलुगु, बंगाली, कन्नड़ और मलयालम शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने 11 भाषाओं में करीब 3,500 जिंगल रिकॉर्ड किए, जिससे उनकी प्रतिष्ठा एक प्रमुख प्लेबैक सिंगर के रूप में बन गई। उनके म्यूजिक में भावनाओं की गहराई थी, जिसने उन्हें कई अवार्ड्स दिलवाए। उन्हें छह बार प्रतिष्ठित फिल्मफेयर अवार्ड्स के लिए नॉमिनेट किया गया और दो बार स्टार स्क्रीन अवार्ड्स भी मिले।

Read More: UP Kumbh Mela Ration Card: योगी सरकार की पहल, कुंभ मेले में श्रद्धालुओं को मिलेगा मुफ्त राशन और नए राशन कार्ड से सभी की होगी सुविधा

Read More: Gujarat Fake Judge News: फर्जी जज बनकर हड़पी अरबों की जमीन, ऑफिस को बनाया था कोर्ट रूम

Read More: India vs New Zealand 2nd Test Day 1: टॉम लैथम ने टॉस जीता, न्यूज़ीलैंड करेगा पुणे में पहले बल्लेबाज़ी

Read More: Paneer Recipe: घर पर बनाएं स्वादिष्ट और पौष्टिक पनीर, आसान रेसिपीज़ के साथ

Read More: Maruti New Dzire: क्या मारुति की नई डिज़ायर वाकई देगी आपको लग्ज़री कार का अनुभव

Scroll to Top