Telegram Ban in India : टेलीग्राम के फाउंडर और सीईओ पावेल डुरोव की गिरफ्तारी के बाद से प्लेटफॉर्म पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। टेलीग्राम के लिए भारत में भी मुश्किलें खड़ी होती नजर आ रही हैं। एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत सरकार ने टेलीग्राम के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। यदि टेलीग्राम भारतीय के सभी कानून का पालन नहीं करती है तो इस देश में बंद करने की स्थिति अवश्य पैदा हो सकती है।
टेलीग्राम के भविष्य पर सवाल
पावेल डुरोव की गिरफ्तारी पर चर्चा के बाद टेलीग्राम का भविष्य अनिश्चित हो गया है। एलन मस्क ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। मस्क ने कहा कि बाल शोषण जैसे गंभीर मुद्दे इंस्टाग्राम पर भी सामने आ चुके हैं, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मस्क ने यह भी आरोप लगाया कि मार्क जुकरबर्ग सरकारों के इशारे पर काम करते हैं। इस बीच, भारत में टेलीग्राम के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं। क्या टेलीग्राम को यहां बैन किया जा सकता है? क्या इसे अपने प्लेटफॉर्म पर जारी रखने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने होंगे?
टेलीग्राम के लिए मुश्किलें बढ़ीं
टेलीग्राम के सामने चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं। एक ओर जहां पावेल डुरोव की गिरफ्तारी ने टेलीग्राम के प्रति लोगों की धारणा को प्रभावित किया है, वहीं दूसरी ओर भारत में इसके बैन होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। जो रिपोर्ट्स सामने आ रही है उसके अनुसार टेलीग्राम का उपयोग जबरन वसूली, अवैध कारोबार, जुए आदि के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है। इसीलिए भारत सरकार ने इसकी जांच शुरू कर दी है। अगर जांच के दौरान किसी भी नियम का उल्लंघन पाया गया, तो टेलीग्राम को भारत में बैन किया जा सकता है।
Telegram Ban in India
टेलीग्राम के खिलाफ भारत सरकार की जांच गृह मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा की जा रही है। यह बात बिल्कुल साफ है कि टेलीग्राम का नाम कई बार गलत गतिविधियों में लिया गया है। ऐसे में भारत में इसका बैन होना एक बड़ी संभावना बन सकता है। टेलीग्राम की प्राइवेसी पॉलिसी भी पहले से ही विवादों में रही है, जिससे प्लेटफॉर्म पर सवाल खड़े हुए हैं।
पावेल डुरोव की गिरफ्तारी के बाद जांच
यह जांच पावेल डुरोव की फ्रांस में गिरफ्तारी के ठीक एक दिन बाद शुरू हुई। रिपोर्ट्स के अनुसार, फ्रांस के OFMIN ने पावेल डुरोव को मादक पदार्थों की तस्करी, साइबरबुलिंग, अपराध और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। फ्रांसीसी अधिकारियों का कहना है कि डुरोव अपनी प्लेटफॉर्म की मॉडरेशन नीतियों को सख्ती से लागू करने में विफल रहे हैं।
टेलीग्राम के खिलाफ पहले भी उठे सवाल
यह पहली बार नहीं है जब टेलीग्राम विवादों में घिरा हो। इससे पहले भी UGC-NEET विवाद में टेलीग्राम की भूमिका पर सवाल उठे थे, जब मेडिकल प्रवेश परीक्षा का पेपर लीक हो गया था और टेलीग्राम पर शेयर किया गया था। कथित तौर पर यह पेपर 5,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच बेचा गया था।
पावेल डुरोव का भविष्य
पावेल डुरोव के खिलाफ की जा रही जांच अगर सही साबित होती है, तो उन्हें गंभीर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसमें 20 साल तक की सजा और भारी जुर्माना भी शामिल हो सकता है।
टेलीग्राम की शुरुआत
टेलीग्राम की शुरुआत 2013 में पावेल और उनके भाई निकोलाई डुरोव ने की थी। कंपनी ने शुरुआती दिनों में 6 करोड़ एक्टिव यूजर्स का आंकड़ा पार किया था। हालांकि, शुरुआत में कंपनी को रेवेन्यू जनरेट करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस समस्या का समाधान करने के लिए कंपनी ने टेलीग्राम प्रीमियम भी लॉन्च किया।
अब यह देखना बाकी है कि टेलीग्राम और उसके संस्थापक पावेल डुरोव का भविष्य क्या होगा। भारत में टेलीग्राम का सफर किस दिशा में जाता है, यह काफी हद तक सरकार की जांच के परिणामों पर निर्भर करेगा।